सभी प्रकार के वेल्डिंग करने की जानकारी हिंदी में
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग परयहां मैं आपको सभी प्रकार के लिए welding मशीन में वेल्डिंग करने के तरीके के एक्सपीरियंस और प्रॉब्लम को शेयर करूंगा जिसके जरिए आप वेल्डिंग करने के तरीके को सही प्रकार से समझ सकेंगे अगर आप वेल्डिंग करना जानते हैं या किसी प्रकार की वेल्डिंग करते समय आपको कोई परेशानी होती है क्या आप किसी भी प्रकार के कोई भी वेल्डिंग को सीखना चाहते हैं तो आप हमारे ब्लॉक को फॉलो जरूर कर ले क्योंकि इस ब्लॉग पर मैं आपको सभी प्रकार के बिल्डिंग के बारे में बताऊंगा यहां पर आप वेल्डिंग करने के सबसे अच्छे तरीके के बारे में जान सकेंगे आप वेल्डिंग करने की मशीन की जानकारी सही प्रकार से बिना किसी प्रॉब्लम से वेल्डिंग करना सीख जाएंगे।
वेल्डिंग क्या होता है
सबसे पहले तो आप को इस बात का पता होना आवश्यक है कि वेल्डिंग क्या होता है आपको बता दें कि वेल्डिंग क्या होता है वेल्डिंग एक प्रकार का ऐसा प्रोसेस होता है जिसके अंतर्गत दो स्तों को जोड़कर एक सत के रूप में स्थापित करना होता है जैसे की किन्हीं दो सतहों को पिघलाकर एक सत् में बदल देना वेल्डिंग कहलाता है वेल्डिंग मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं नंबर 1 जिसके अंतर्गत किन्हीं दो सत्त को आपस में जोड़ने के लिए उसी प्रकार की धातु को पिंगलाकर एक में रूपांतरित किया जाता है नंबर दो कि अंतर्गत आता है इस प्रकार का वेल्डिंग जिसमें एक स्तर को दूसरी सतह से जोड़ने के लिए किसी अन्य धातु का प्रयोग किया जाता है नंबर 3 प्रकार की बिल्डिंग के अंतर्गत दो सप को जोड़ने के लिए किसी अन्य धातु या किसी अन्यपदार्थ की आवश्यकता नहीं होती दो सतहों को परस्पर एक दूसरे से जोड़ने के लिए उस्मा की आवश्यकता होती है।
वेल्डिंग किस प्रकार की जाती है
वेल्डिंग करने के प्रकार के अनुसार तीन प्रकार के होते हैं नंबर 1 Electric welding द्वारा किए गए वेल्डिंग नंबर दो gas welding किए गए वेल्डिंग नंबर तीन gas or electricity के मिश्रण से किए गए।
1 Electric welding
इलेक्ट्रिक वेल्डिंग मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है arc welding और suppot welding
Arc welding
Arc welding को road welding भी बोलते हैं इसके अंतर्गत दो प्रकार की welding machine होते हैं A.c welding machine और D.c welding machine इस walding के दौरान लोहे की रोड से दो स्तों को पिंगला कर जोड़ा जाता है इस बिल्डिंग को करते समय सिर्फ बिजली की आवश्यकता होती है इसलिए इलेक्ट्रिक वेल्डिंग में गिना जाता।
Spot welding
Spotwelding को resistance welding के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस वेल्डिंग को करते समय low voltage और hig amp की आवश्यकता होती है इसके अंतर्गत दो तांबे की सतों के बीच वेल्डिंग करने वाली धातु की सतह को रखा जाता है अत्यधिक बिजली प्रवहा होने के कारण तांबे की छड़ी के बीच में रखी अन्य धातु की सतह को welding हो जाता है।
2 gas welding भी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
1 Gas welding के द्वारा वेल्डिंग करने वाली वस्तु की दो स्ते को पिंगलाया जाता है और उन्हें आपस में जोड़ा जाता है तो इस वेल्डिंग को टॉर्च गैस वेल्डिंग कहते है और जब किसी स्ते को गर्म कर के उसके उपर दूसरी धात्तू को पिंगला कर जोड़ा जाता है तो उसे bridging gas welding कहते है।
2 गैस वेल्डिंग के द्वारा वस्तु वेल्डिंग करना होता है उसी धातु को पिघला कर दो स्तों को जोड़ना नंबर दो गैस वेल्डिंग होता है इसमें किसी दूसरी धातु को नहीं पिघला जाता
3 इलेक्ट्रिक गैस वेल्डिंग electric gas welding
इस बिल्डिंग के दौरान इलेक्ट्रिक प्लाज्मा व इनर्ट गैस की सहायता से किसी भी धातु को पिलाया जाता है और दो स्तों को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है इसके अंतर्गत जिस धातु की सतह को वेल्डिंग करना होता है उस सतह को भी पिघलाया जाता है और वेल्डिंग किया जाता है.
Short introduction about welding
यह थी वेल्डिंग के बारे में इंट्रोडक्शन के तौर पर बेहद छोटी जानकारी जिसके आधार पर आप वेल्डिंग के अलग-अलग प्रकारों को समझ व जान सकते हैं ताकि हम आपको बताएंगे कि कौन सा बैटिंग कैसे किया जाता है और कौन से वेल्डिंग के लिए क्या-क्या चीजें आवश्यक होती है और वेल्डिंग के अलग-अलग प्रकारों को किस जगह पर करना ठीक रहता है welding करने के लिए कौन सी मशीन प्रयोग की जाती है और किस धातु या उपधातु को किसके द्वारा वेल्डिंग करना सही रहता है उन सभी की जानकारी हम अपने अगले ब्लॉग में देंगे जिसका लिंक नीचे दिया गया है.
अगले अध्ययन में आप जानेंगे कि वेल्डिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है